परिचय: राष्ट्रीयकरण का आह्वान
राहुल गांधी और ममता बनर्जी से एक साधारण निवेदन है: एक घोषणा करें कि मोदी सरकार में बेची गई सभी सरकारी संपत्तियाँ (PSUs) उनकी सरकार बनते ही वापस ले ली जाएंगी। राष्ट्रीयकरण (Nationalisation) नामक कानूनी प्रावधान के तहत यह संभव है।एक उम्मीद की राहुल गाँधी जब भी सत्तापक्ष की शक्ति में आयेंगे,
मोदी सरकार द्वारा बेचीं गयी सभी सरकारी संपत्तियों के पुनः राष्ट्रीयकरण की घोषणा करेंगे.
राष्ट्रीयकरण का ऐतिहासिक आधार
इंदिरा गांधी ने 1970 के दशक में विदेशी कंपनियों के धंधों का राष्ट्रीयकरण किया था। इस कदम ने भारत में एक मिसाल कायम की थी। यदि आज कांग्रेस और टीएमसी यह घोषणा करें कि बेची गई सरकारी संपत्तियों को राष्ट्रीयकृत किया जाएगा, तो निजी कंपनियाँ सरकारी संपत्ति खरीदना बंद कर देंगी। यह एक ऐसा कदम है जो निजीकरण की गति को रोक सकता है।
निजीकरण का प्रभाव: अडानी-अंबानी का खेल
अडानी और अंबानी जैसे उद्योगपति 50 साल के कॉन्ट्रैक्ट पर एयरपोर्ट, स्टेडियम, PSUs, और अन्य सरकारी संपत्तियाँ खरीद रहे हैं। लेखक का सुझाव है कि इन संपत्तियों की वापसी prorata basis पर की जा सकती है। वे इस प्रक्रिया का पूरा फ्रेमवर्क—Valuation, Accounting, Depreciation, Time Value of Money, Reverse Tender, Technical Bidding, और Auction—तैयार करने को तैयार हैं। लेखक की गारंटी है कि ऐसी घोषणा के बाद कोई भी निजी प्लेयर सरकारी संपत्ति खरीदने की हिम्मत नहीं करेगा।
एक सफल उदाहरण: अखिलेश यादव का कदम
पिछले दिनों उत्तर प्रदेश में फर्जी एनकाउंटर और कस्टोडियल मृत्यु को लेकर सपा मुखिया अखिलेश यादव से एक मांग उठाई गई थी। अखिलेश ने आधिकारिक बयान दिया कि हर एनकाउंटर और कस्टोडियल मृत्यु की जाँच होगी। परिणामस्वरूप, एनकाउंटर अचानक रुक गए। सपा कार्यकर्ताओं ने उस मांग को वाइरल कर प्रभावी बनाया। लेखक सुझाव देते हैं कि कांग्रेस कार्यकर्ता भी #NationalizeSoldPSUs हैशटैग के साथ इस मांग को वाइरल करें, जिससे देश और पार्टी दोनों का भला होगा।
कार्यकर्ताओं के लिए आह्वान
लेखक कांग्रेस कार्यकर्ताओं से अपील करते हैं कि वे इस पोस्ट को कॉपी-पेस्ट कर #NationalizeSoldPSUs हैशटैग का उपयोग करें। वे आगे भी इस विषय पर लिखते रहेंगे और अनुरोध करते हैं कि संबंधित जानकारी साझा करते समय इस हैशटैग का प्रयोग करें, ताकि लोगों को इसे ढूंढने में आसानी हो।
निष्कर्ष: देशहित में राष्ट्रीयकरण आवश्यक
राष्ट्रीयकरण की घोषणा निजीकरण की लहर को रोक सकती है और सरकारी संपत्तियों को जनता के हित में वापस ला सकती है। राहुल गांधी और ममता बनर्जी से यह एक साहसिक कदम उठाने की अपील है, जो देश के आर्थिक भविष्य को सुरक्षित कर सकता है।
लक्ष्मीप्रताप सिंह
👉इस लेख का मूल संस्करण पढने के लिए यहाँ पर क्लिक करके पढ़ सकते हैं 👈