विरोधाभासों की कहानी
इस देश में एक अजीब कहानी है…
1. भ्रष्टाचार के आरोप, फिर भी "ईमानदार"
भाजपा के पास विजय रुपाणी, जय शाह, शौर्या डोभाल, जयंत सिन्हा, आर के सिन्हा, मुकुल रॉय, सुखराम, सुशील मोदी, रेड्डी ब्रदर्स, यदुरप्पा, महेश शाह, अनार पटेल, रमन सिंह, अमित शाह जैसे भ्रष्टाचार के आरोपी नेता हैं। फिर भी वह देश की सबसे "ईमानदार पार्टी" है…!!!
2. सेक्स स्कैंडल और बाबाओं का साथ, फिर भी "चरित्रवान"
भाजपा को आसाराम, गुरमीत राम-रहीम, राघव जी जैसे बाबाओं और चिन्मयानंद, कुलदीप सेंगर, निहालचंद जैसे सेक्स स्कैंडल में फँसे नेताओं का साथ और आशीर्वाद रहा है। फिर भी वह देश की सबसे "चरित्रवान पार्टी" है…!!!
3. आतंकवाद और जासूसी के आरोप, फिर भी "देशभक्त"
भाजपा के पास संघ के आतंकी संगठन हैं। अजमेर ब्लास्ट के सजायाफ्ता संघी, कर्नल पुरोहित, दयानंद पांडे, साध्वी प्रज्ञा, और ISI के ध्रुव सक्सेना जैसे 36 एजेंट्स देश की जासूसी और आतंकवादी घटनाओं में पकड़े गए। फिर भी वह देश की सबसे "देशभक्त पार्टी" है…!!!
4. वंशवाद का खेल, फिर भी "विरोधी"
भाजपा में पियूष गोयल, पंकजा मुंडे, पूनम महाजन, उद्धव ठाकरे, पंकज सिंह, अनुराग ठाकुर, राजबीर सिंह, संदीप सिंह, अभिषेक सिंह, प्रवेश वर्मा, चिराग पासवान, पूरा बहुगुणा खानदान, आशुतोष टंडन, और सैकड़ों अन्य नेताओं के पुत्र विधायक, सांसद, या महत्वपूर्ण पदों पर हैं। फिर भी भाजपा "वंशवाद की विरोधी" है…!!!
5. गालीबाज नेता, फिर भी "संस्कारी"
भाजपा के पास तमाम गालीबाज साध्वी, योगी जी, संगीत, और साक्षी जैसे नेता हैं। फिर भी वह इस देश की "संस्कार" वाली पार्टी है…!!!
6. दंगों का इतिहास, फिर भी "सबका साथ"
इस देश के सारे दंगों में भाजपा या संघ शामिल रहा है। फिर भी वह "सबका साथ, सबका विकास" की बात करने वाली पार्टी है…!!!
7. धर्म के नाम पर वोट, फिर भी "राजनीतिक"
कभी गंगा मैया, कभी गौ माता, कभी वंदे मातरम, कभी जय श्री राम के नाम पर वोट माँगती है। फिर भी वह धार्मिक नहीं, राजनीतिक पार्टी है…!!!
निष्कर्ष: जनहित में सवाल
जनहित में जारी 😉
Author - धनंजय प्रताप सिंह
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