सत्ता के खिलाफ एकमात्र विपक्ष
वह अकेला विपक्ष है। उसके द्वारा सत्ता की अकर्मण्यता पर उठाई गई आशंकाएँ 99% सच साबित होती हैं। सत्ताधीश यह प्रचार करते हैं कि उसे कोई गंभीरता से नहीं लेता, लेकिन जैसे ही वह कोई बयान देता है, सत्ता तंत्र तिलमिलाहट और भय मिश्रित आक्रामकता के साथ जवाब देने के लिए गोदी मीडिया से लेकर सोशल मीडिया तक उतर आता है।
1. उसके खिलाफ सत्ता और गोदी मीडिया
उसके विरुद्ध गोदी मीडिया है, जो दिन-रात उसकी छवि को धूमिल करने में लगी रहती है।
उसके खिलाफ पूरा सत्ता तंत्र है, जो उसे चुप कराने की हर कोशिश करता है।
उसके खिलाफ राष्ट्रवाद की आड़ में धर्म और संस्कृति का नकाब पहने स्वघोषित सांस्कृतिक संगठन हैं, जो उसकी आवाज़ को दबाने की साजिश रचते हैं।
2. उसके खिलाफ अलगाववादी और कॉरपोरेट्स
उसके विरुद्ध अलगाववादी तत्व हैं, जो उसे कमज़ोर करना चाहते हैं।
उसके खिलाफ कॉरपोरेट लूटेरे हैं, जो सत्ता के साथ मिलकर देश के संसाधनों को लूट रहे हैं।
उसके खिलाफ धर्म के नाम पर देश को पागलखाना बना देने वाली गोदी मीडिया है, जो झूठ और प्रोपेगंडा फैलाती है।
3. अवसरवादी दलों का साथ
उसके खिलाफ वे अवसरवादी दल हैं, जो राजनीतिक लाभ-हानि देखकर पलटी मार देते हैं। ये दल सत्ता के सामने झुक जाते हैं और उसका साथ छोड़ देते हैं।
4. सत्ता का डर: गांधी नाम की ताकत
सत्ता उससे डरती है, क्योंकि उसके नाम के साथ "गांधी" शब्द जुड़ा है। "गांधी" नाम की यह ताकत सत्ता को बेचैन कर देती है। उसे न सत्ता का लालच है, न प्राणों का भय। इसलिए वह सच्चा "गांधी" है।
5. गांधी: निर्भीक और निःस्वार्थ चेहरा
वह निश्छल, निर्भीक और निःस्वार्थ है। वह देश का एकमात्र विपक्ष है—यहाँ तक कि उसकी अपनी पार्टी भी उसका पूरा साथ नहीं देती। वह जनता की सच्ची आवाज़ है, क्योंकि उसमें गांधी की भावना और जवाहर का अंश है।
आखिरी उम्मीद
वह मेरे जैसे "गैर-राजनीतिज्ञों" की आखिरी उम्मीद है। वह सत्ता के खिलाफ खड़ा एक अकेला योद्धा है, जो न डरता है, न झुकता है।
Author - Navin Jain