भारत जोड़ो यात्रा: नफरत के खिलाफ एकता और सद्भावना का संदेश
राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा उन लोगों के लिए भयावह और आतंकित करने वाली है, जो भारत को केवल एक संकीर्ण दृष्टिकोण—संघ की नज़र—से देखते हैं। यह वह दृष्टिकोण है, जिसमें सभी धर्मों, जातियों, भाषाओं और क्षेत्रों के लिए समान स्थान नहीं है। यह यात्रा उन लोगों को डराएगी, जो भारत को मुट्ठीभर समझते हैं और एक रंग की राजनीति से अपनी दुकान चलाते हैं।
भारत जोड़ो यात्रा का संदेश स्पष्ट है—तुम चलते-चलते किसी का हाथ झटक दोगे, किसी को पछाड़ दोगे, किसी को कुचल दोगे, लेकिन इस देश में बहुत से लोग हैं, जो तुम्हारी इन हरकतों के खिलाफ एकजुट होने निकले हैं।
एकता और शांति का प्रतीक: भारत जोड़ो यात्रा
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भारत जोड़ो यात्रा में एकता का संदेश: राहुल गांधी और समर्थक हाथ मिलाकर भाईचारे को बढ़ावा देते हुए। |
इस यात्रा को गौर से देखें। इसमें न हुड़दंग है, न उत्तेजना, न भड़काऊपन, न ही किसी को नीचा दिखाने की कोशिश। यही असלי भारत है—हमारा सर्वश्रेष्ठ भारत, जो बिना किसी के मस्तक पर पैर रखे, अपना सिर ऊँचा रखता है। भारत जोड़ो यात्रा शांति, प्रेम और सद्भावना का संदेश लेकर चल रही है। यह यात्रा उन लोगों को आतंकित करेगी, जिनके मन में नफरत और मैल भरा है।
नफरत के खिलाफ ऐतिहासिक संघर्ष
1952 में जवाहरलाल नेहरू ने पहला चुनाव सांप्रदायिकता के खिलाफ लड़ा था। आज राहुल गांधी उसी नफरत के खिलाफ खड़े हैं। एक बार सोचें—आखिरी बार आपने नफरत और हिंसा के खिलाफ इतना बड़ा जन अभियान कब देखा था? कब किसी ने आपसे कहा कि सद्भावना, भाईचारा, एकता और अखंडता ही हमारा भविष्य है? भारत जोड़ो यात्रा यही संदेश लेकर निकली है।
सभी को एकजुट करने की अपील
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने राहुल गांधी को झंडा सौंपा है। यह एक प्रतीक है कि देश के सभी दल, जो नफरत और सांप्रदायिकता के खिलाफ एक अखंड भारत का सपना देखते हैं, इस यात्रा को अपनी यात्रा मानें। नफरत, बेरोज़गारी, महंगाई, भ्रष्टाचार, देश की संपत्ति को मुट्ठीभर लोगों को बेचने की मानसिकता, संवैधानिक संस्थाओं पर कब्ज़े, और भविष्य को अंधकार में धकेलने वाली ताकतों के खिलाफ इस आवाज़ से अपनी आवाज़ मिलाएँ। यह निकट भविष्य में शायद अंतिम प्रयास है।
एकजुटता का भविष्य
एक होइए, जुड़िए, और देश को भविष्य की दौड़ में आगे लाने लायक बनाइए। दुनिया में वही देश सिर उठाकर चलेगा, जहाँ दो लोगों के बीच नफरत न हो, जो एक हों, जिनके सपने और प्रयास साझा हों। भारत जोड़ो यात्रा इसी महाभियान का हिस्सा है।
यह यात्रा किसी दल या नेता की नहीं, बल्कि देश की आत्मा की यात्रा है। यह उन बच्चों की यात्रा है, जो अपनी मातृभूमि को एकता, सद्भावना और भाईचारे का खोया हुआ ज़ेवर लौटाना चाहते हैं। आप इस यात्रा का स्वागत, समर्थन और सहयोग करें।
Author - अपूर्व भरद्वाज