भारत जोड़ो यात्रा: एक भावनात्मक और राजनैतिक यात्रा का आगाज़

यात्रा के साथ मेरा भावनात्मक जुड़ाव

मैं शुरू से ही कांग्रेस की "भारत जोड़ो यात्रा" के साथ मानसिक रूप से जुड़ा हुआ हूँ। इस यात्रा में मेरी 24 घंटे की भागीदारी रहेगी, और मैं पल-पल की महत्वपूर्ण खबरें आपके साथ साझा करता रहूँगा। मौका मिला और राहुल गांधी ने समय दिया, तो मैं उनका साक्षात्कार करने का प्रयास भी करूँगा, और उसकी जानकारी आपको देता रहूँगा। मैं इस यात्रा के विवरण को संग्रहित कर रहा हूँ, और इसके लिए एक कवर पेज भी बना लिया है, जो शायद आपको पसंद आए। यदि यह आपको पसंद आता है, तो आप इसे अपनी स्मृति में सहेज सकते हैं। आप भी मेरी तरह आशा करें कि मैं हमेशा की तरह आलस्य के कारण लिखने से जी न चुराऊँ।


पत्रकारिता धर्म की प्रतिबद्धता

मैं वर्तमान पत्रकारिता धर्म का पालन करूँगा और समय-समय पर यहाँ से कॉपी-पेस्ट करता रहूँगा। यदि आपको कहीं कुछ अच्छा लगे, तो बिना किसी हिचक के मुझे सराह दीजिए। मैं बिना किसी एहसान या झिझक के उसका उपयोग करूँगा। यदि संभव हो, तो यह बताने का कष्ट करें कि आपके विचार चोरी के हैं या मौलिक, ताकि मैं उसका सही उपयोग कर सकूँ।

यात्रा का पहला दिन: श्रीपेरंबदुर से शुरुआत

7 सितंबर को "भारत जोड़ो यात्रा" का पहला दिन था। राहुल गांधी ने इस ऐतिहासिक यात्रा की शुरुआत अपने दिवंगत शहीद पिता राजीव गांधी के चेन्नई के श्रीपेरंबदुर स्मारक पर श्रद्धासुमन अर्पित करके की। राहुल गांधी सफेद कुर्ता-पायजामा पहने हुए अपने पिता को श्रद्धांजलि दे रहे थे, लेकिन उनकी आँखों में कुछ सोच की गहराई साफ दिख रही थी।
मेरी स्मृति कुछ पीछे चली गई—एक छोटा बच्चा, जिसकी प्यारी दादी को कुछ सिरफिरों ने AK-47 की गोलियों से भून दिया था, अपने पिता के पाँव से चिपका हुआ सहमा खड़ा था। आज वही राहुल गांधी अपने पिता के सामने खड़े हैं, जिन्हें आतंकियों ने अपनी जान गँवानी पड़ी। वे क्या सोच रहे होंगे, यह तो नहीं पता, लेकिन मैं गमगीन हूँ।

यात्रा का स्वरूप और उद्देश्य

कांग्रेस पार्टी की "भारत जोड़ो यात्रा" 150 दिनों में पूरी होगी। यह 3,570 किलोमीटर लंबी यात्रा 7 सितंबर को कन्याकुमारी से शुरू हुई और जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में समाप्त होगी। यह यात्रा 12 राज्यों से होकर गुजरेगी, जिनमें तिरुवनंतपुरम, कोच्चि, नीलांबुर, मैसुरु, बेल्लारी, रायचूर, विकाराबाद, नांदेड़, जलगांव-जामोद, इंदौर, कोटा, दौसा, अलवर, बुलंदशहर, दिल्ली, अंबाला, पठानकोट और जम्मू जैसे पड़ाव शामिल हैं।
कांग्रेस इस यात्रा के जरिए देश में बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी और सामाजिक ध्रुवीकरण जैसे मुद्दों पर आम लोगों में बहस छेड़ना चाहती है। पार्टी का मकसद है कि जनता इन मुद्दों पर विचार करे, सरकार का ध्यान आकर्षित करे और उसे इन्हें ठीक करने के लिए मजबूर करे। इसके अलावा, निवेश और प्रतिफल में सभी घटकों की भागीदारी, सस्ती और अच्छी गुणवत्ता वाली शिक्षा व चिकित्सा सुविधा जैसे मुद्दों को भी उठाया जाएगा।

पहले दिन की गहमागहमी

"भारत जोड़ो यात्रा" के पहले दिन की गहमागहमी देखते ही बनती थी। कांग्रेस के बड़े नेता, स्थानीय कार्यकर्ता और आम जनता का जमावड़ा लगा हुआ था। आज के माहौल को देखते हुए लगता है कि राहुल गांधी से मुलाकात संभव नहीं हो पाएगी। फिर भी, मैं कल फिर कोशिश करूँगा। तब तक के लिए अलविदा।
जय हिंद, जय भारत!

Author - Ranjan Joshi

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