भाजपा और भ्रष्टाचार के नए रिकॉर्ड
भ्रष्टाचार, गुजरात मॉडल, और फर्जी राष्ट्रवाद पर हो-हल्ला मचाकर सत्ता में आई बीजेपी ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। मोरबी नदी पर बना पुल उद्घाटन से पहले ही ध्वस्त हो गया था, यह सारे देश को मालूम है। लेकिन अब अहमदाबाद से एक और खबर आई है, जो इस तथाकथित ‘विकास’ की पोल खोलती है।
1. हाटकेश्वर फ्लाइओवर: 50 करोड़ की बर्बादी
अहमदाबाद के पूर्वी इलाके हाटकेश्वर में 2017 में छत्रपति शिवाजी के सम्मान में 50 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया फ्लाइओवर अब गिराया जाएगा। अहमदाबाद नगर आयुक्त ने इसके लिए बाकायदा टेंडर आमंत्रित किए हैं। 2015 में शुरू हुआ यह फ्लाइओवर 2017 में बनकर तैयार हुआ और जनता के लिए खोल दिया गया। दावा था कि यह 50 साल तक चलेगा, लेकिन यह 5 साल भी सही तरीके से नहीं चल सका।
2. दरारों का सिलसिला: मरम्मत से ढकी गड़बड़ी
2021 में फ्लाइओवर में दरारें आईं। अहमदाबाद म्युनिसिपल कॉरपोरेशन (AMC) ने मरम्मत करवाकर इसे दोबारा चालू कर दिया। लेकिन 2022 में फिर दरारें आ गईं। जुलाई 2022 में इसे असुरक्षित मानते हुए बंद कर दिया गया। जांच में पता चला कि ब्रिज की स्ट्रेंथ महज 20% है।
3. जांच पर जांच: दोषियों पर मेहरबानी
IIT रुड़की समेत 4 एजेंसियों की रिपोर्ट में खराब मैटेरियल का खुलासा हुआ। स्लैब और पिलर की बार-बार जांच हुई, लेकिन AMC ने जिम्मेदार अधिकारियों और निर्माता कंपनी अजय इंजीनियरिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रा. लिमिटेड पर कोई कार्रवाई नहीं की। कंपनी को राजनीतिक संरक्षण के कारण बार-बार मेहरबानी मिलती रही।
4. गुजरात मॉडल की हकीकत: नियम-कानून की अनदेखी
गुजरात में तथाकथित ‘विकास’ इतनी तेजी से दौड़ा कि नियम, कानून, प्रविधि, और मानक सब पीछे छूट गए। AMC के अधिकारियों ने 50 करोड़ रुपये हजम करने के लिए इस फ्लाइओवर की योजना बनाई और बड़ा घपला कर दिया। अब यह मामला बीजेपी के लिए सिरदर्द बन गया है।
5. बीजेपी की वॉशिंग मशीन: भ्रष्टाचार का संरक्षण
बीजेपी के राज में भ्रष्टाचारी, यौन अपराधी, और आर्थिक घपलेबाजों के लिए एक वॉशिंग मशीन बन गई है। सत्ताधारियों के काले कारनामों को उजागर करने वालों को ‘अपराध’ और ‘देशद्रोह’ के आरोपों में जेल भेजा जाता है। मुख्यधारा का मीडिया वश में है, फिर भी ऐसे कुछ मामले सामने आते हैं। लेकिन असंख्य मामले ढके-छुपे ही रह जाते हैं।
निष्कर्ष: विकास का ढोंग
गुजरात मॉडल का यह चेहरा देश के सामने है—जहाँ भ्रष्टाचार और फर्जी विकास के नाम पर जनता के पैसे की बर्बादी हो रही है। सवाल यह है कि क्या ऐसे ‘विकास’ की सजा जनता को भुगतनी पड़ेगी?
#एकदा_जंबूद्वीपे
Author - श्याम सिंह रावत
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