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 जन्मदिन विशेष: राहुल गांधी—साहस, संस्कार और देश की उम्मीद

आज पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का जन्मदिन है। यह पोस्ट शायद राहुल गांधी तक पहुँचे या न पहुँचे, लेकिन उनके व्यक्तित्व, संघर्ष और देश के प्रति उनके समर्पण पर कुछ लिखना एक कर्तव्य-सा प्रतीत होता है।

त्रासदियों से भरा बचपन और अटूट हिम्मत

राहुल गांधी का जीवन त्रासदियों और चुनौतियों से भरा रहा है। बचपन में उन्होंने अपनी दादी, पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी को उनके ही सुरक्षा गार्डों की गोलियों का शिकार होते देखा। इंदिरा गांधी की हत्या के पीछे राजनीतिक कारण थे, जो धार्मिक कट्टरता से उपजे थे। जब कोई समुदाय खुद को धर्म का ठेकेदार समझने लगता है और उसे लगता है कि उसका धर्म खतरे में है, तो सिख आतंकवाद, इस्लामिक आतंकवाद, या आक्रामक हिंदुत्व संगठनों जैसे बजरंग दल का जन्म होता है। ऐसी सोच ने दुनिया भर में लाखों बेकसूरों की जान ली है।
इसके बाद, राहुल ने अपने पिता, पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की भी निर्मम हत्या देखी। इन त्रासदियों के बाद कोई और परिवार शायद राजनीति से मुँह मोड़ लेता, लेकिन गांधी परिवार ने हार नहीं मानी। सोनिया गांधी ने शुरू में अपने बच्चों को राजनीति से दूर रखने का संकल्प लिया था, लेकिन देश की परिस्थितियों ने उन्हें स्वयं राजनीति में उतरने को मजबूर किया।

राजनीति में प्रवेश और भाजपा की साजिशें

राहुल गांधी ने राजनीति में कदम रखा, लेकिन उस समय वे राजनीतिक दाँवपेचों से अनजान थे। उनकी मजबूत इच्छाशक्ति और अपने मन की सुनने की आदत ने उन्हें इस क्षेत्र में ला खड़ा किया। लेकिन जल्द ही वे भाजपा की कुत्सित साजिशों के जाल में उलझ गए। भाजपा ने गांधी परिवार को निशाना बनाया और उन्हें राजनीति के हाशिए पर धकेलने की हर संभव कोशिश की। सोनिया गांधी को "विदेशी एजेंट" कहने से लेकर प्रियंका गांधी के निजी जीवन तक पर अभद्र टिप्पणियाँ की गईं। राहुल गांधी को "मूर्ख" साबित करने की कोशिश की गई।
भाजपा ने झूठ और चरित्र हनन का सहारा लिया, और जनता, जो शायद यह भी नहीं जानती कि उसके टैक्स का पैसा सरकार कैसे खर्च करती है, गांधी परिवार को अपमानित होते देखने में आनंद लेती रही। लेकिन जनता को यह अहसास नहीं था कि वह अनजाने में भाजपा की इस नीच साजिश का हिस्सा बन रही थी।

गांधी परिवार की अटूट ताकत

भाजपा की इन कोशिशों का गांधी परिवार पर कोई असर नहीं पड़ा। उल्टा, इन हमलों ने राहुल गांधी को और परिपक्व बनाया। गांधी परिवार की संस्कारित ताकत से भाजपा का शीर्ष नेतृत्व अंदर ही अंदर भयभीत है। वे जानते हैं कि कांग्रेस भले ही आज हाशिए पर हो, लेकिन उसके कर्णधार राहुल गांधी कोई अभिमन्यु नहीं हैं, जिन्हें आसानी से चक्रव्यूह में घेरकर परास्त कर दिया जाए।
राहुल गांधी आज नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार के पाले गए अंबानी-अडानी जैसे पूँजीपतियों के खिलाफ खुलकर लड़ रहे हैं। वे नरेंद्र मोदी की बनावटी छवि को हर पल चुनौती दे रहे हैं। इस देश में गांधी परिवार के तीनों सदस्यों—सोनिया, राहुल और प्रियंका—के अलावा शायद ही कोई ऐसा हो जो इस तरह का साहस दिखा सके। यही बात भाजपा को कंपा देती है। राहुल को खत्म करने की तमाम कोशिशों के बावजूद, वे अजेय योद्धा की तरह डटकर मुकाबला कर रहे हैं।

राहुल गांधी: देश की उम्मीद

राहुल गांधी देश के प्रधानमंत्री बनेंगे या नहीं, यह समय के गर्भ में छिपा है। सोनिया गांधी ने दो बार इस पद को ठुकराया है, इसलिए यह कहना मुश्किल है कि राहुल उस समय क्या निर्णय लेंगे। लेकिन यह तय है कि राहुल गांधी देश को भाजपा की नीच राजनीति से जरूर बचाएँगे। वे न केवल एक नेता हैं, बल्कि देश के युवाओं के लिए प्रेरणा हैं। उनकी दृष्टि, उनका साहस और उनकी निष्ठा भारत के भविष्य को एक नई दिशा दे सकती है।

जन्मदिन की शुभकामनाएँ

कांग्रेस का एक साधारण कार्यकर्ता होने के नाते, मैं राहुल गांधी जैसे साफ-सुथरे और बेजोड़ योद्धा को उनके जन्मदिन पर हार्दिक बधाई देता हूँ। मैं उनके दीर्घायु और उत्तम स्वास्थ्य की कामना करता हूँ। राहुल गांधी न केवल कांग्रेस के नेता हैं, बल्कि देश की उम्मीद और भविष्य हैं।

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